Dangerous Alien Virus : क्या सच में अंतरिक्ष से आ रहे हैं खतरनाक एलियन वायरस? वैज्ञानिकों ने कही बड़ी बात

Dangerous Alien Virus : साल 2022 में जर्मन एरोस्पेस सेंटर के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन ने एक रिव्यू पेपर छापा. इसमें वैज्ञानिकों ने माना कि स्पेस में बैक्टीरिया से कई गुना ज्यादा वायरस मौजूद हैं.

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Dangerous Alien Virus : कोरोना महामारी के कहर ने इंसानों को बता दिया कि एक वायरस कैसे पूरी इंसानियत को खतरे में डाल सकता है. खासतौर से वो वायरस जो बाहर से आया हो, यानी जिसकी मौजूदगी पृथ्वी पर पहले से ना हो. इसी तरह का एक वायरस है एलियन वायरस. इसे लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिक चिंतित हैं.

दरअसल, ये अंतरिक्ष से पृथ्वी पर आता है और अगर गलती से इंसान इसके संपर्क में आ गए तो ये उन्हें गंभीर रूप से बीमार कर सकता है. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये एलियन वायरस है क्या और वैज्ञानिक इसे लेकर क्या कह रहे हैं.

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Dangerous Alien Virus
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क्या है एलियन वायरस की थ्योरी Dangerous Alien Virus

सैन डिएगो यूनिवर्सिटी और कनाडा, स्पेन, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने कुछ वर्षों पहले स्पेनिश पर्वत श्रृंखला सिएरा नेवादा में रिसर्च के दौरान लगभग हर वर्ग मीटर में 800 मिलियन वायरस और बैक्टीरिया दिखे. अब वैज्ञानिकों के दीमाग में सवाल उठा कि पहाड़ों की इतनी ऊंची चोटियों पर जहां इंसानी बस्ती भी नहीं और ना ही कोई प्रदूषण है, वहां इतने वायरस और बैक्टीरिया आए कहां से. यहीं से एलियन वायरस और बैक्टीरिया की थ्योरी आई. दरअसल, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ये वायरस और बैक्टीरिया कहीं और से नहीं बल्कि अंतरिक्ष से पृथ्वी पर आए हैं.

Dangerous Alien Virus
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क्या स्पेस में भी जीवन है? Dangerous Alien Virus

कुछ एक्सपर्ट्स दावा करते हैं कि स्पेस जीवन हर जगह फैला हुआ है. उनका मानना है कि जितने भी पार्टिकल्स जैसे धूल, एस्टेरॉयड और कॉमेट घूम रहे हैं उनके जरिए ये वायरस और बैक्टीरिया एक जगह से दूसरी जगह ट्रेवेल करते रहते हैं. विज्ञान की भाषा में इसे पैनस्पर्मिया कहा जाता है.

स्पेस से आने वाली चीजों से खतरा Dangerous Alien Virus

साल 2022 में जर्मन एरोस्पेस सेंटर के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन ने एक रिव्यू पेपर छापा. इसमें वैज्ञानिकों ने माना कि स्पेस में बैक्टीरिया से कई गुना ज्यादा वायरस मौजूद हैं. हालांकि, ये वायरस स्पेस में जिंदा कैसे हैं, इस पर कुछ साफ नहीं किया गया. वैज्ञानिकों ने माना कि इसी की वजह से जब भी कोई चीज स्पेस से धरती पर लाई जाती है तो उसे तुरंत नहीं खोला जाता. बल्कि, लंबे समय तक उसे क्वारंटीन किया जाता है और फिर एक सुरक्षित लैब में उसे खोल कर टेस्ट किए जाते हैं.

source abp news

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