नई दिल्ली : आयकर विभाग के नोटिस मामले में कांग्रेस को कुछ दिनों के लिए राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भरोसा दिया कि अभी लोकसभा चुनाव का समय चल रहा है, लिहाजा हम इन पैसों की रिकवरी को लेकर कोई करवाई नहीं करेंगे. कांग्रेस ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जस्टिस बी. वी. नागरत्ना की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. आयकर विभाग की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील रखीं. कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 24 जुलाई को होगी.
तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “हमनें 1700 करोड़ का नोटिस भेजा है, लेकिन लोकसभा चुनाव आ रहे हैं. हम फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. इनकम टैक्स ने कोर्ट को भरोसा दिया कि अभी चुनाव का समय चल रहा है. लिहाजा हम इन पैसों की रिकवरी को लेकर कोई करवाई नहीं करेंगे. मामले की सुनवाई जून महीने में की जाए, तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी.”
एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट की सुनवाई के दौरान कहा, “2024 में 20 प्रतिशत भुगतान करने का विकल्प दिया गया. 135 करोड़ रुपये वसूले गए, बाद में 1700 करोड़ रुपये की डिमांड की गई है. इसलिए मामला बाद में बढ़कर 1,700 करोड़ रुपये का हो गया. यह पूरा मामला चुनाव बाद तय हो सकता है. हम तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.”
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या आपने जो डिमांड की है, उसे स्थगित कर रहे है? सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया- नहीं हम बस ये कह रहे है की हम चुनाव तक कोई कार्रवाई नही करेंगे. मामले की सुनवाई जून के दूसरे हफ्ते में की जाए. मांग चाहे 1700 करोड़ है या 3500 करोड़, ये मामला यहां इस केस में लंबित नहीं हैं. हमारा बयान रिकॉर्ड किया जाए या नहीं कि हम चुनाव खत्म होने तक कांग्रेस के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करेंगे.
वहीं, कांग्रेस के लिए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये 3500 करोड़ रुपये की मांग है. सब पर कार्रवाई ना हो.
ये है पूरा मामला
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को आयकर विभाग से फिर नया नोटिस मिला, जिसके जरिये आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपये के कर की मांग की गई है. सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से अब तक कुल कुल 3,567 करोड़ रुपये के कर की मांग की जा चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, ताजा नोटिस 2014-15 (663 करोड़ रुपये), 2015-16 (करीब 664 करोड़ रुपये) और 2016-17 (करीब 417 करोड़ रुपये) से संबंधित हैं. अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली कर छूट समाप्त कर दी है और पार्टी पर कर लगा दिया है. कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा था कि उसे आयकर विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है. कर अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित कर मांग के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिये हैं.