कांग्रेस ने सोमवार (18 दिसंबर) को क्राउड फंडिंग के लिए डोनेट फोर देश कैंपेन का शुभारंभ किया. कैंपेन के तहत बनाए गए पोर्टल में बड़ा खेल हो गया है. हुआ ये कि पोर्टल पर फंडिंग के लिए जब कोई जाता है तो यह पेज फंडिंग के लिए भारतीय जनता पार्टी के डोनेशन पेज पर रिडायरेक्ट हो जाता है. कल पार्टी ने डोनेशन को बढ़ावा देने के मकसद से डोनेट फोर देश कैंपेन की शुरुआत की थी ताकि समर्थक पार्टी के लिए फंडिंग करें. पार्टी ने इसके लिए 138, 1380, 13,800 रुपये और इसी तरह और दान देने के लिए समर्थकों आमंत्रित किया था.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस समर्थकों को donateinc.in से डोनेशन के लिए आमंत्रित किया था. हालांकि, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने donatefordesh.org और donatefordesh.com जैसे पोर्टल भी शेयर किए हैं. इन एड्रेस पर जब कोई विजिट करता है तो यह यूजर को बीजेपी और ऑपइंडिया के डोनेशन पेज पर ले जाते हैं.
donatefordesh.org बीजेपी के डोनेशन पेज और donatefordesh.com ऑपइंडिया के डोनेशन पेज पर रिडायरेक्ट हो जाता है. वहीं, donatefordesh.in पर विजिट करने पर जवाहर लाल नेहरू के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन के उस ट्वीट पर रिडायरेक्ट हो जाता है, जिसमें उन्होंने अपनी किताब ‘हिंदूज इन हिंदू राष्ट्र’ को लेकर पोस्ट किया है. ये तीनों वेबसाइट स्पष्ट रूप से खुद को बीजेपी, ऑपइंडिया और रंगनाथन के ट्विटर पेज से लिंक बताती हैं, जबकि कांग्रेस या उसके कैंपेन का कोई जिक्र नहीं है.
कैसे हुआ खेल
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने कैंपेन लॉन्च करवाने से पहले डोमेन बुक नहीं करवाया, लेकिन बीजेपी ने उसे तुरंत रजिस्टर करवा लिया. इससे हुआ ये कि donatefordesh.org पर क्लिक करने पर बीजेपी का पेज खुल गया और donatefordesh.com को ऑपइंडिया ने रजिस्टर करा लिया था इसलिए जब इस पर क्लिक किया गया तो यह ऑपइंडिया पर पहुंच गया. अब कांग्रेस की तरफ से स्थिति साफ करते हुए अजय माकन ने बताया कि पार्टी के अभियान का लिंक- donateinc.net या inc.in हैं.
बीजेपी ने बोला हमला
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस की प्रवक्ता का जिक्र करते हुए कहा, ‘कृपया कांग्रेस के डोनेट फोर देश घोटाले की विफलता के लिए उनको दोष न दें. उन्हें न सिर्फ राहुल गांधी से कम बुद्धिमान दिखना है बल्कि साबित भी करना है. डोमेन की तो बात ही छोड़िए, कांग्रेस ने एसएम खातों को भी ब्लॉक नहीं किया. उदाहरण के लिए @donatefordesh देखें. और ये देश चलाना चाहते हैं.’ हालांकि, अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में प्रवक्ता का नाम नहीं लिया.