रायपुर, 03 मार्च। Chhattisgarh Wakf Board वक्फ बोर्ड की चल और अचल संपत्ति तथा निजी एवं शासकीय जमीनों पर दावों को लेकर विधायक अजय चन्द्राकर ने विधानसभा में सवाल किया।
अजय चंद्राकर ने आदिम जाति विकास मंत्री से जानकारी चाही कि वक्फ बोर्ड क्या है? उसके उद्देश्य क्या हैं? प्रदेश में कब से लागू हैं? प्रदेश में 1 फरवरी, 2025 की स्थिति में वक्फ बोर्ड अंतर्गत कितनी चल और अचल संपत्ति, कहां-कहां हैं तथा कितने शेयर किन-किन कंपनियां में हैं? प्रदेश मे वक्फ बोर्ड अंतर्गत कितनी ईमारतें, कहां-कहां हैं और कितने संस्थान संचालित हैं?
Chhattisgarh Wakf Board

यह भी पूछा गया कि 1 दिसंबर, 2018 से 31 जनवरी, 2024 तक वक्फ बोर्ड को केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा कितनी राशि प्राप्त हुयी? एवं किन-किन कार्यों के लिये, कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? वर्ष 2019 से 2023 तक उक्त बोर्ड द्वारा कहां-कहां, कितनी-कितनी निजी/शासकीय जमीनों पर अधिपत्य हेतु दावा किया गया है और कितने पर अधिपत्य किया जा चुका है तथा परिसंपत्तियों के दुरूपयोग के कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी और उसके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही अब तक की गयी?
Chhattisgarh Wakf Board

आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम द्वारा लिखित जवाब प्रस्तुत किया गया, जो इस प्रकार है :
वक्फ बोर्ड एक ऐसा संगठन है जो धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दान की गई सम्पत्तियों का प्रबंधन करता है। उसके उद्देश्य वक्फ सम्पत्तियों का संरक्षण ओर उनका सही प्रबंधन सुनिश्चित करना है, वक्फ सम्पत्तियों की देखरेख और उनका धार्मिक और चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए सही उपयोग करना है, वक्फ सम्पत्तियों से संबंधित विवादों का उचित और शीघ्र निपटान करना है। प्रदेश में दिनांक 25.07.2005 से लागू है।

प्रदेश में दिनांक 1 फरवरी 2025 की स्थिति में वक्फ बोर्ड अन्तर्गत कोई भी चल सम्पत्ति नहीं है और 5732 अचल सम्पत्तियां हैं। कोई भी शेयर किसी भी कंपनीयों में नहीं है। प्रदेश में वक्फ बोर्ड अन्तर्गत 2711 ईमारतें हैं और 1084 संस्थान संचालित है।
1 दिसम्बर, 2018 से 31 जनवरी, 2024 तक वक्फ बोर्ड को केन्द्र सरकार द्वारा 23,14,805 रुपए राज्य सरकार द्वारा 6,28,00,000 रुपए प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2019 से 2023 तक बोर्ड द्वारा निजी/शासकीय जमीनों पर कोई भी अधिपत्य हेतु दावा नहीं किया गया है और किसी पर भी अधिपत्य नहीं किया है।
परिसंपत्तियों के दुरूपयोग के कोई भी शिकायतें प्राप्त नहीं हुईं हैं और उसके विरूद्ध कोई भी कार्यवाही अब तक नहीं की गई है।