तमिलनाडु में भारी बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त करके रख दिया है. भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात का सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु के चार जिलों पर पड़ा है. ये चार जिले हैं, तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन, तेनकासी और कन्याकुमारी. तूतीकोरिन जिले के तिरुचेंदुर में रात 1:30 बजे तक केवल 15 घंटों में ही 60 सेमी बारिश हुई. तिरुनेलवेली जिले के पलायमकोट्टई में 26 सेमी बारिश दर्ज हुई है. इस बीच, कन्याकुमारी में 17.3 सेमी बारिश हो चुकी है.
मूसलाधार बारिश की वजह से प्रभावित जिलों में सोमवार (18 दिसंबर) को सार्वजनिक अवकाश का ऐलान कर दिया गया है. इस दौरान स्कूल, कॉलेज, बैंक, निजी प्रतिष्ठान और पब्लिक सेक्टर की कंपनियां भी बंद रहेंगी. भारी बारिश ही नहीं, बल्कि लोगों के लिए बांध से छोड़ा जाने वाला पानी भी मुसीबत बन गया है. पापनासम, पेरुंजनी और पेचुपराई बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से तिरुनेलवेली, थूथुकुडी और कन्याकुमारी जिलों में कई इलाके घुटने से कमर तक पानी में डूब गए हैं.
आज भी होने वाली है भारी बारिश
बारिश की वजह से थमरापरानी नदी उफान पर है. यही वजह है कि जिला कलेक्टरों को बांधों में पानी का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज भी भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. कोमोरिन क्षेत्र के ऊपर एक चक्रवाती सर्कुलेशन हालात को और भी ज्यादा गंभीर बना रहा है. कुछ दिन पहले ही तमिलनाडु में मिचौंग चक्रवाती तूफान ने दस्तक दी थी, जिसकी वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ा था.
हर जिले की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ नौकरशाह नियुक्त
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भारी बारिश की वजह से प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों को तैनात किया है. हर एक जिले की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ नौकरशाह को नियुक्त किया गया है. स्टालिन ने जिला कलेक्टरों को संवेदनशील इलाकों में राहत केंद्र और नावें तैयार रखने और जरूरत पड़ने पर लोगों को जल्दी निकालने का भी निर्देश दिया है. निचले इलाकों से लोगों को बाहर निकालने का काम भी जारी है.
बारिश से बचने के लिए क्या इंतजाम हुए?
नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की 50-50 सदस्यों वाली दो टीमें तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन जिलों में पहुंच गई हैं. स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) की तीन टीमों को कन्याकुमारी जिले में तैनात किया गया है. इसके अलावा प्रभावित जिलों में 4 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र की उठती लहरों और तेज हवाओं के खतरे को देखते हुए समुद्र में नहीं जाएं. हवा की रफ्तार 40 से 55 किमी प्रतिघंटा है.
ट्रेनें-फ्लाइट कैंसिल
राज्य के दक्षिणी जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. राजधानी चेन्नई और आसपास के तीन जिले इस महीने की शुरुआत में आए चक्रवात की वजह से मची तबाही से अभी उबर ही रहे हैं. चक्रवात की वजह से यहां पर बाढ़ आ गई थी. वहीं, तूतीकोरिन जाने वाली उड़ानों को डायवर्ट या रद्द कर दिया गया है. तिरुनेलवेली से आने-जाने वाली वंदे भारत ट्रेन सहित सत्रह ट्रेनों को आंशिक या पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है.