Chanakya Niti: जंगल के राजा शेर और सुंदर बगुले से सीखिए ये खास बातें

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती है। उनके द्वारा रचित चाणक्य नीति को वर्तमान समय विधि लाखों युवाओं द्वारा पढ़ा जाता है। आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्र, रणनीति और राजनीति के विषय में विस्तार से बताया था। इसके साथ उन्होंने, कुछ ऐसी नीतियों को भी उजागर किया था, जिनसे व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में आसानी होती है।

 

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आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में यह भी बताया है कि मनुष्य को सफलता प्राप्त करने के लिए पशु-पक्षियों से किन बातों को सीखना चाहिए। आइए चाणक्य नीति के इस भाग में जानते हैं, शेर और बगुले से किन-किन चीजों को सीखना चाहिए?

चाणक्य नीति के अनुसार शेर और बगुले से सीखें ये बातें

प्रभूतं कार्यमपि वा तत्परः प्रकर्तुमिच्छति।

सर्वारम्भेण तत्कार्यं सिंहादेकं प्रचक्षते।।

इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने बताया है कि छोटा या बड़ा जो भी काम करना हो, उसे व्यक्ति यदि पूरी शक्ति लगाकर करे तो सफलता जरूर प्राप्त होती है। यह गुण हमे शेर से सीखना चाहिए। इसलिए व्यक्ति को किसी भी कार्य में भेदभाव नहीं करना चाहिए और सभी कार्य पूरी लगन से पूरा करना चाहिए। ऐसा करने से सफलता जरूर प्राप्त होती है।

इन्द्रियाणि च संयम्य बकवत्पण्डितो नरः।

देशकालः बलं ज्ञात्वा सर्वकार्याणि साधयेत्।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि व्यक्ति को बगुले के समान अपने इंद्रियों पर वश करके देश, काल और अपने बल को जानकर कार्य करना चाहिए। ऐसा करने से ही व्यक्ति सफल होता है। जो व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखकर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ता है, उन्हें सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है और वह जीवन में सभी बाधाओं को पार कर लेता है।

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