Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती है। उनके द्वारा रचित चाणक्य नीति वर्तमान समय में लाखों युवाओं का मार्गदर्शन कर रही है। चाणक्य नीति में धर्म, अर्थ और कर्तव्य के साथ-साथ जीवन की विभिन्न महत्वपूर्ण नीतियों के बारे में आचार्य चाणक्य द्वारा विस्तार से बताया गया है। आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि व्यक्ति को किन-किन लोगों पर विश्वास नहीं करना चाहिए और अपनी नीतियों को किन के साथ साझा नहीं करना चाहिए। चाणक्य नीति के इस भाग में आइए जानते हैं, व्यक्ति को किन बातों को रखना चाहिए हमेशा गुप्त
चाणक्य नीति की इन बातों का रखें ध्यान
न विश्वसेत्कुमित्रे च मित्रे चापि न विश्वसेत्।
कदाचित्कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत् ।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य बताते हैं कि कुमित्र पर विश्वास नहीं करना चाहिए, लेकिन मित्र पर भी आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि वह क्रोधित होकर आपकी गुप्त बातों को उजागर कर सकता है। इसलिए अपनी गुप्त बातों को हमेशा छिपाकर रखना चाहिए और अधिक लोगों के साथ साझा नहीं करना चाहिए।
मनसा चिन्तितं कार्यं वाचा नैव प्रकाशयेत्।
मन्त्रेण रक्षयेद् गूढं कार्य चापि नियोजयेत् ।।
चाणक्य नीति के इस श्लोक में आचार्य चाणक्य बताते हैं कि मन में सोचे हुए कार्य को मुंह से बाहर नहीं निकालना चाहिए। इसे हमेशा मंत्र के समान गुप्त रखकर, उसकी रक्षा करनी चाहिए। साथ ही इस पर काम करते समय अधिक लोगों को इसका पता नहीं होना चाहिए। ऐसे किया गया कार्य ही मनुष्य को सफल बनाती है।