Chanakya Niti: ऐसी 5 जगहों पर कभी न बनाए घर, वरना श्मशान बन जाती है जिंदगी!

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Chanakya: भारतीय इतिहास में चाणक्य को अर्थशास्त्र के जनक के रूप में जाना जाता है. कई लोग उन्हें कौटिल्य नाम से भी जानते हैं. चाणक्य ने ‘नीतिशास्त्र’ में जीवन जीने के कई तरीकों के बारे में बताया है जो आपके जीवन को सरल और समृद्ध बना सकते हैं. चाणक्य ने कहा है कि जब भी कोई व्यक्ति अपना घर किसी जगह बसाना चाहता है, तब उसे कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. वरना, वह दिन-रात परेशानियों से घिरा रहता है और एक के बाद एक मुश्किलें उसके सामने आती रहती है.

क्या कहा है चाणक्य ने? 

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लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम् ॥ 

यह चाणक्य के द्वारा कहा गया एक मशहूर श्लोक है जिसमें वह ऐसे पांच स्थानों का जिक्र करते हैं, जहां पर इंसानों को कभी भी घर नहीं बनाना चाहिए.

1. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जहां पर आप रोजी-रोटी का साधन पैदा नहीं कर सकते हैं. ऐसी जगह पर भूलकर भी घर नहीं बनाना चाहिए. वरना, जीवन मुश्किलों में गुजरता है. हमेशा घर बसाने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए, जहां पर आजीविका पैदा करने की पूरी संभावना हो.

2. चाणक्य ने कहा है कि जहां पर लोक-लाज का भय नहीं होता है. ऐसी जगह पर घर नहीं बनाना चाहिए. जहां पर सामाजिक भाव सबसे ऊपर होता है, वहां पर घर बसाना सबसे अच्छा होता है.

3. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि घर ऐसी जगह पर बसाना चाहिए, जहां पर परोपकारी लोग रहते हैं और उनमें त्याग करने की भावना होती है. ऐसी जगह पर घर बसाने से परोपकार की भावना उच्चतम स्तर पर होती है.

 

 

 

4. ऐसी जगह पर घर बसाने से हमेशा दूर रहना चाहिए जहां पर कानून का डर ना हो.  जहां कानून व्यवस्था का लोग पूर्ण रूप से पालन करते हैं. ऐसी जगह पर घर बसाना अच्छा होता है.

5. घर हमेशा ऐसे स्थान पर होना चाहिए, जहां पर लोग दान करने में विश्वास रखते हों. कहा जाता है कि दान करने से पुण्य मिलता है जो अंतरात्मा को पवित्र करता है.

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