Chanakya Niti महान आचार्य चाणक्य की सदियों पुरानी नीतियां आज भी प्रासांगिक हैं। नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख मिलता है। चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में जहां भविष्य को उज्जवल बनाने के समाधान बताए हैं, वहीं जीवन में सफल होने और दुष्ट लोगों से बचने के उपाय भी बताए हैं।
Chanakya Niti

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में धन, संपत्ति, पत्नी और दोस्ती समेत तमाम विषयों की गहराई से चर्चा की है, जो आज भी प्रासंगिक हैं। आज हम आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से एक और विचार का विश्लेषण करने जा रहे हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में धन, संपत्ति को लेकर भी कई ऐसी बातों के बारे में बताया है जो हमें अक्सर अपने घर और आसपास देखने को मिलता है।
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि हमें अपने दैनिक जीवन में जाने-अनजाने में कभी ऐसी कोई गलती नहीं करनी चाहिए जिससे धन की देवी माता लक्ष्मी नाराज हो जाएं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक इंसान के जाने-अनजाने गलती से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और जातक के जीवन में पैसों की कमी आने लगती है। यानी व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर होने लगता है।
जूठे बर्तन रसोई घर में न छोड़ें Chanakya Niti

आचार्य चाणक्य के मुताबिक रसोई घर में कभी भी झूठे बर्तन नहीं छोड़ना चाहिए। खासकर रात को तो एकदम नहीं। बताया जाता है कि चूल्हे के उसके आस-पास और सिंक में रात जूठे बर्तन रखने से माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है। जिससे घर में दरिद्रता का वास होने लगता है अनावश्यक पैसों का खर्च न करें आचार्य चाणक्य के मुताबिक के मुताबिक हर व्यक्ति को पैसा कमाने के लिए कठिन मेहनत करना चाहिए साथ कमाई में कुछ धन का संचय जरूर करना चाहिए।
इसके साथ ही अनावश्यक पैसों के खर्च से भी बचना है। यदि कोई व्यक्ति व्यर्थ में धन का खर्च करता है या फिर धन की दिखावा करता है तो माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक ऐसे लोग खुद अपनी बर्बादी का रास्ता खोलते कंगाली में आ जाते हैं।
घर में शाम के समय झाड़ू-पोछा न करें Chanakya Niti

इसके साथ ही आचार्य चाणक्य बताते हैं कि शाम के वक्त कभी भी घर में झाड़ू-पोछा नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि शाम के समय मां लक्ष्मी घर में आती हैं। अगर उस समय घर या फिर घर के दरवाजे पर गंदगी देख वो वापस चली जाती हैं। किसी का अपमान न करें इसके साथ आचार्य चाणक्य एक और बड़ी बात कहते हैं जो मानव के व्यवहार के लिए खास है।
चाणक्य के मुताबिक जो व्यक्त बुजुर्ग, विद्वान, महिलाओं या फिर गरीबों को परेशान या फिर अपमान करता है, उसके घर में माता लक्ष्मी कभी नहीं रूकतीं। माता लक्ष्मी दूसरों के साथ गलत यानी दुर्व्यवहार करने वालों सेसदैव रुष्ट रहती हैं।