2448 KM/H स्पीड, 70 KM रेंज और 60 Kg हथियार ले जाने में सक्षम MR-SAM दुश्मन को करेगी नेस्तनाबूद, INS Vikrant पर हुई तैनात

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पहले स्वदेशी विमान वाहक आईएनएस विक्रांत पर समु्द्र में खतरनाक मिसाइलें लगाकर भारतीय नौसेना दुश्मन की धड़कनें बढ़ा रही है. अब मीडियम रेंज की सरफेस-टू-एयर मिसाइल  MR-SAM को INS Vikrant पर तैनात कर दिया गया है. इस मिसाइल की रफ्तार 2448 किलोमीटर प्रति घंटा है. मतलब पलक झपकते ही यह मिसाइल दुश्मन के परखच्चे उड़ा देगी. इसमें कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन रडार और मोबाइल लॉन्चर सिस्टम लगा है.

मिसाइल की तेज गति के कारण दुश्मन इसको ट्रेस नहीं कर पाता है और इसमें लगा रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर भी दुश्मन को मार गिराने में मदद करता है. अगर दुश्मन का यान चकमा देने के लिए रेडियो का इस्तेमाल कर रहा है तो भी यह मिसाइल उसे मार गिराएगी. दुश्मन के एयरक्राफ्ट, मिसाइल, ड्रोन का यह मिनटों में खात्मा कर सकती है. डिफेंस रिर्सच एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने इजारयली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) के साथ मिलकर इस मिसाइल को तैयार किया है. इसको ‘Abhra’ नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं इसकी खासियत और यह सीमा पर कैसे ताकत बढ़ाएगी-

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  • MR-SAM की रफ्तार 680 मीटर प्रति सेंकेंड है यानी 2448 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो इसको घातका बनाती है.
  • मिसाइल का वजन 275 किलोग्राम है, लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है.
  • जमीन से हवा में वार करने वाली MR-SAM मिसाइल की रेंज 70 किलोमीटर है यानी यह 70 किलोमीटर की रेंज तक दुश्मन मिसाइल को नेस्ता नाबुत करने में सक्षम है.
  • इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम तक वॉरहेड यानी हथियार लोड किए जा सकते हैं.
  • MR-SAM दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने पर धुआं कम छोड़ती है.
  • लॉन्च होने पर यह मिसाइल आसमान में सीधे 16 किलोमीटर तक दुश्मन को गिरा सकती है. मिसाइल की रेंज आधा किलोमीटर से 70 किलोमीटर तक है. अगर इस रेंज में दुश्मन का यान, विमान, मिसाइल या ड्रोन आता है तो यह उसको नेस्तनाबूद कर सकती है.
  • यह बराक-8 मिसाइल से लैस है.
  • इसमें कम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम, एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार मोबाइल पावर सिस्टम, रिलोडर व्हीकल और फील्ड सर्विस व्हीकल लगा है.

कितनी है लागत
टाइम्स ऑफ इंडिया की 2016 की एक रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2005 में जब रक्षा की कैबिनेट कमेटी ने MR-SAM प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी तब इसकी लागत 2,606 करोड़ बताई गई और 2009 में आईएआई को 10,076 करोड़ रुपये में 9 स्कावड्रन बनाने का ठेका दिया गया था. हालांकि, अब एमआर-एसएएम मिसाइल को 1,200 करोड़ की लागत में तैयार किया जा रहा है. दो साल पहले  MR-SAM को राजस्थान के जैसलमेर में वायुसेना को सौंपा गया था.

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