नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले में दखल देने साफ तौर पर इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम फिलहाल इस याचिका पर सुनवाई के इच्छुक नहीं हैं. कोर्ट ने हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन से कहा है कि अदालत हर किसी के लिए खुली हैं. और हाईकोर्ट संवैधानिक अदालत है. हम एक व्यक्ति को अनुमति देंगे तो हमें सभी को अनुमति देनी होगी.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर रांची हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई का निर्देश देने की मांग भी ठुकरा दी है. कोर्ट ने कहा कि हम संवैधानिक अदालत को नियंत्रित करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद अब हेमंत सोरेन जल्द ही हाईकोर्ट में सुनवाई की मांग कर सकते हैं.
ED ने हेमंत सोरेन पर लगाए हैं गंभीर आरोप
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद दावा किया था कि गिरफ्तार किये गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे व उपयोग में करीब 8.5 एकड़ कुल क्षेत्रफल के एक दर्जन भूखंड हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के शीघ्र बाद सोरेन (48) को ईडी ने बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया था. एजेंसी ने दिन में उनसे सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता के खिलाफ संघीय एजेंसी ने जो आपराधिक मामला दर्ज किया है वह जून 2023 की ईसीआईआर (प्राथमिकी के समान) से उपजा है. इससे पहले, राज्य सरकार के कर्मचारियों और राजस्व विभाग के उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए थे.
कई अधिकारियों की भी हो रही है जांच
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, ED ने राजस्व विभाग के उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के परिसरों से 11 बड़े बक्से बरामद किये जिनमें जमीन के दस्तावेज रखे हुए थे. साथ ही, 17 मूल खाते भी बरामद किये थे. ईडी का दावा है कि प्रसाद भूमि रिकॉर्ड और उनके सरकारी स्वामित्व विवरण के कई मूल खातों के संरक्षक थे. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि प्रसाद भ्रष्ट आचरण में लिप्त थे जिनमें मूल रिकॉर्ड का फर्जीवाड़ा भी शामिल है और वह फर्जी तरीके से कई संपत्ति की खरीद से जुड़ी गतिविधियों में कई व्यक्तियों के साथ संलिप्त थे.
बीते दिनों ईडी ने झारखंड सरकार के साथ यह सूचना साझा की जिसने रांची के सदर पुलिस थाने में एक जून 2023 को प्रसाद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी. केंद्रीय एजेंसी ने 26 जून 2023 को ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज करने के लिए इस प्राथमिकी का संज्ञान लिया. ईडी का दावा है कि प्रसाद, हेमंत सोरेन की अवैध संपत्तियों सहित कई संपत्तियों की खरीद एवं उन्हें छिपाने में अन्य लोगों के साथ साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थे.