रायपुर : पटाखा कारोबार को शहर की घनी आबादी से दूर रखने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी इन दिनों शहर की कालोनियों के साथ ही मुख्य बाजार में भी पटाखा कारोबार संचालित हो रहा है। इसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा अवैध रूप से चल रहे इन पटाखा कारोबार को घनी आबादी से दूर ले जाने में रुचि नहीं दिखा रही है, बल्कि कारोबारियों को और मोहलत दी जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा पिछले दिनों इन्हें शिफ्टिंग करने का नोटिस भी जारी किया गया था। कारोबारी मनीष राठौड़ का कहना है कि पटाखा कारोबार को घनी आबादी से बाहर शिफ्ट करना चाहिए। पटाखा कारोबार के लिए भी अलग से जगह चिह्नित की जाए, जहां एक ही स्थान पर पटाखा कारोबार संचालित हो।
आठ वर्ष पहले 175 दुकानों को दिया था नोटिस
ऐसा करते-करते आठ वर्ष बीत गए। अभी भी शहर के बीचोबीच पटाखा कारोबार संचालित हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि स्टाक की भी जांच नहीं होती। लाइसेंस वाले पटाखा कारोबारियों को भी 400 किलोग्राम पटाखा रखने की अनुमति होती है, लेकिन उनके द्वारा भी इससे ज्यादा का स्टाक रखा जाता है।
कलेक्टर गौरव सिंह ने कहा, पटाखा दुकानों को शहर के बाहर करने के मामले में कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। नियम का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।