Agitation against Swetha Nursing प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत के मामले में FIR की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतारे

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कोरबा (ब्लैकआउट न्यूज़ )Agitation against Swetha Nursing कोरबा रिस्दी स्थित श्वेता हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान इलाज में गंभीर लापरवाही से महिला की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतका अंजली सिंह के परिजनों को न्याय दिलाने एवं जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को हज़ारों की संख्या में लोग कोसाबाड़ी चौक हनुमान मंदिर समीप सड़कों पर उतर आए।

Agitation against Swetha Nursing

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प्रदर्शनकारी नागरिकों, सामाजिक संगठनों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा कर कलेक्टर कार्यालय पहुंच जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल भी तैनात हैं। पीड़ित पति ने आरोप लगाया है कि 1 जून को उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी को श्वेता हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टर मनीआरो कुजुर की देखरेख में ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा, लेकिन रात में न तो कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही कोई अनुभवी नर्सिंग स्टाफ। समय पर इलाज न मिलने से महिला की हालत बिगड़ी और न्यू कोरबा हॉस्पिटल में रेफर करने के बाद उसकी मौत हो गई।

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परिजनों का आरोप है कि न्यू कोरबा हॉस्पिटल ने कुछ घंटों के इलाज के नाम पर 1 लाख रुपए वसूल लिए, जबकि महिला की स्थिति पहले से ही गंभीर थी और डॉक्टरों ने सच्चाई छिपाई।

प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं- डॉक्टर मनीआरो कुजुर को तत्काल निलंबित किया जाए। उनके विरुद्ध FIR दर्ज की जाए। श्वेता हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर उसे तत्काल बंद कराया जाए पूरे मामले की जांच कोरबा से बाहर के अधिकारियों की टीम से कराई जाए। पोस्टमार्टम जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कराई जाए। न्यू कोरबा हॉस्पिटल पर भी आर्थिक शोषण और लापरवाही के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए।

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प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी– यदि 10 दिनों के भीतर प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो जिलेभर में बड़ा जनआंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। यह मामला एक बार फिर निजी अस्पतालों की जवाबदेही और सरकारी चिकित्सकों की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अब निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।

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