जगदलपुर. बस्तर में जिला प्रशासन की संयुक्त टीम की तरफ से झोलाछाप डॉक्टरों और बिना पंजीयन क्लीनिक चलाने वालों के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की गई है. औचक निरीक्षण कर अवैध रूप से संचालित 8 क्लीनिकों को जिला प्रशासन की टीम ने सील कर दिया है. बिना पंजीयन क्लीनिक का संचालन करने वाले 10 क्लीनिक संचालकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
बता दें, जिला प्रशासन की तरफ से यह कार्रवाई बस्तर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों अवैधानिक तरीके से क्लीनिक का संचालन और गांव-गांव घूमकर मरीजों का इलाज करने के संबंध में मिल रही शिकायतों को देखते हुए की जा रही है. जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम जिला मुख्यालय से लेकर विकासखण्ड मुख्यालयों व गांवों में संचालित दवाखानों, डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स में लगातार दबिश देकर उनकी वैधानिकता की जांच-पड़ताल कर रही है. दरअसल झोला छाप डॉक्टर ग्रामीणों का इलाज कर स्वास्थ्य और खराब कर देते हैं. कई ग्रामीण भी इन झोलाछाप डॉक्टरों के दवाओं से प्रभावित हो चुके हैं.
नर्सिंग होम एक्ट जगदलपुर के नोडल अधिकारी डॉ. टी.एस. नाग, विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी नानगुर जयंतीलाल दरियो, नायब तहसीलदार अंकुर रात्रे, पुलिस थाना नगरनार की संयुक्त टीम ने ओम साहू की लिखित शिकायत के आधार पर नगरनार में जांच कार्रवाई की और सेमरा, कलचा, मगडु, कचोरा गांव में दौरा कर झोलाछाप डॉक्टरों के बारे में लोगों से पूछताछ की.