दिवाली की रात गोदाम में लगी भीषण आग:2 घंटे तक धधकती रही लपटें, पटाखे से आग लगने की आशंका, लाखों का सामान खाक

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रायपुर – ब्लैकआउट न्यूज़- दिवाली की रात हादसा हो गया। एक कबाड़ गोदाम में आग लग गई। त्योहार की वजह से किसी का ध्यान नहीं गया। देखते ही देखते आग ने बड़ा रूप ले लिया। फौरन आस-पास रहने वालों ने फायर ब्रिगेड को फाेन किया। मौके पर पहुंचे फायर डिपार्टमेंट के जवानों ने रेस्क्यू अभियान चलाया।

 

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हादसा गुढ़ियारी इलाके का है। यहां शनि मंदिर के पास सड़क के किनारे एक जैसी ही कई दुकानें हैं। इनमें से एक कबाड़ की दुकान में आग लगी। दुकान के पीछे कबाड़ का गोदाम है। इसमें पुराने टायर, प्लास्टिक के सामान हैं, इन्हीं चीजों में आग लग गई।

मौके पर पहुंची फायर फाइटर टीम ने दुकान के पिछले हिस्से में जाकर आग बुझाने का काम किया। करीब दो घंटे तक सावधानी बरतते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। थोड़ी देर के लिए इलाके की बिजली काटनी पड़ी।

 

 

दुकान के सामने के हिस्से से भी सामान बाहर निकालकर उसे जलने से बचाया गया। माना जा रहा है कि लाखों का सामान इस हादसे में जल गया, हालांकि सामान का ब्योरा लिया जा रहा है। किसी पटाखे की चिंगारी से इस हादसे के होने का अंदेशा जताया जा रहा है।

जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय के हाई स्कूल मैदान में लगे पटाखे की दुकान में दिवाली की रात आग लग गई। जिससे दुकान में रखे सभी पटाखे फूटने लगे। दुकान नंबर 39 में ये आग लग गई। पीड़ित दुकानदार ने बताया कि आग लग जाने से उसका बहुत नुकसान हुआ है।

ये पटाखा दुकान जांजगीर के रहने वाले अजीत पटेल की है। उन्होंने बताया कि सोमवार दिवाली की रात को उनके दुकान के सामने कुछ युवक पटाखे फोड़ रहे थे। इसी में से एक जलते हुए पटाखे का कुछ हिस्सा उड़कर दुकान के अंदर पहुंच गया और आग लग गई। दुकानदार ने कहा कि उन्हें करीब 75 हजार से एक लाख तक के माल का नुकसान हुआ है। वहीं दुकान में रखे 500, 100, 200 और 10 रुपए के नोट भी जल गए हैं।

दुकान नंबर 39 के आसपास कई दुकानदारों ने पटाखों की दुकान लगाई थी, आग देखकर वे सभी डर गए। तुरंत सभी ने अपने-अपने दुकान से पटाखे निकाले। फायर ब्रिगेड को भी तत्काल सूचना दी गई। हाई स्कूल मैदान में पटाखों की 52 दुकानें लगाई गई थीं। ऐसे में आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और पटाखा दुकान में लगी आग पर काबू पाया। जिस समय आग लगी, उस समय कई ग्राहक भी वहां खड़े थे, उनकी जान बाल-बाल बच गई।

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