Vedanta’s Nand Ghar Mission वेदांता का नंद घर मिशन 16 राज्यों में 10,000 केंद्रों के साथ बनी सामाजिक प्रगति की पहचान

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बालकोनगर, 14 नवंबर 2025।Vedanta’s Nand Ghar Mission  बाल दिवस के अवसर पर वेदांता समूह की सामुदायिक विकास शाखा, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (एएएफ) ने भारत की सामाजिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साझा किया है। वेदांता की प्रमुख सामुदायिक पहल नंद घर ने 16 राज्यों में 10,000 से अधिक केंद्रों का विस्तृत नेटवर्क स्थापित कर लिया है, जो प्रतिदिन 4 लाख से अधिक बच्चों और 3 लाख महिलाओं के जीवन को रूपांतरित कर रहा है।

Vedanta’s Nand Ghar Mission

Vedanta's Nand Ghar Mission 
Vedanta’s Nand Ghar Mission

नंद घर भारत की आंगनबाड़ी प्रणाली को आधुनिक बनाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण, प्रारंभिक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और महिलाओं के कौशल विकास को नई दिशा दे रहा है। आईसीडीएस कार्यक्रम के 50वें वर्ष में, नंद घर पारंपरिक आंगनबाड़ियों को तकनीक-सक्षम, आधुनिक केंद्रों में बदलकर जमीनी स्तर पर ठोस और दिखाई देने वाला परिवर्तन सुनिश्चित कर रहा है।

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Vedanta’s Nand Ghar Mission

Vedanta's Nand Ghar Mission 
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हर नंद घर एक स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग उपकरण, बाला (बिल्डिंग एज लर्निंग एड) डिज़ाइन, विश्वसनीय बिजली, स्वच्छ पेयजल, साफ-सुथरे शौचालय, और बच्चों के अनुकूल फर्नीचर से सुसज्जित है। यह 3–6 वर्ष के बच्चों के लिए सुरक्षित, समावेशी और प्रेरणादायक स्थान प्रदान करता है।

प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ नंद घर पोषण कार्यक्रम, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण अभियान और महिलाओं के कौशल विकास के माध्यम से पूरे समुदाय को सशक्त बनाने वाले केंद्र के रूप में कार्य रहा है।

Vedanta’s Nand Ghar Mission

वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल ने कहा कि जब हमने नंद घर की यात्रा शुरू की, हमारा सपना सरल था, हर बच्चे को पोषण और प्रारंभिक शिक्षा मिले तथा हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो सके। आज, बाल दिवस के अवसर पर 16 राज्यों में 10,000 नंद घरों का पड़ाव पार करना उसी सपने की साकार रूप है। यह उपलब्धि भारत सरकार, राज्य सरकारों और स्थानीय समुदायों के निरंतर समर्थन के बिना संभव नहीं होती।

हम भारत के 8 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं चाहता हूँ कि देश के और भी लोग इस मिशन से जुड़ें और हमारे साथ कदम बढ़ाएँ।

ओडिशा के खनिज समृद्ध क्षेत्रों से लेकर राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों, छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता से भरे क्षेत्रों के साथ आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों तक नंद घर ने आंगनबाड़ियों को स्थानीय विकास के प्रमुख केंद्रों के रूप में स्थापित किया है। बच्चों को पौष्टिक गरम भोजन, पोषण पूरक (अब तक 80 लाख से अधिक वितरित), क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

नियमित स्वास्थ्य जांच और जागरूकता अभियानों से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, जिसकी पहुंच 90 लाख से अधिक लोगों तक है। महिलाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों से सशक्त बनाते हुए उन्हें प्रति माह ₹10,000 तक की आय अर्जित करने का अवसर भी मिला है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा की नंद घर दीदी अंजू वैष्णव ने कहा कि पहले हमारा आंगनबाड़ी केंद्र एक छोटा कमरा था। आज यह सुविधाओं से भरा है। बच्चों को यहाँ आना अच्छा लगता है और माताएँ भी हम पर पहले से अधिक भरोसा करती हैं। स्मार्ट टीवी, साफ-सफाई और पौष्टिक भोजन ने हमारे नंद घर को सीखने और खुशियों का केंद्र बना दिया है।

इस वर्ष बाल दिवस खास बन गया, क्योंकि नंद घर ने 10,000 केंद्रों की उपलब्धि का जश्न भी साथ ही मनाया। देशभर के अनेक राज्यों में बच्चे, माताएँ और स्थानीय नेता कला प्रदर्शन, कहानियों और सामुदायिक गतिविधियों में शामिल होकर उत्सव का हिस्सा बने। नंद घर ने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में सुधार किए हैं ताकि प्रत्येक केंद्र डिजिटल रूप से सक्षम और सस्टेनेबल ऊर्जा से संचालित हो सके।

छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में तेज़ी से बढ़ते विस्तार के साथ नंद घर भारत के ग्रामीण परिदृश्य में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है। आने वाले दो वर्षों में राजस्थान में 25,000 नंद घर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन में प्रभावी बदलाव आएगा और सार्वजनिक–निजी भागीदारी का एक नया मानक स्थापित होगा।

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