इंदौर: Bhikhari free city इंदौर पुलिस ने भारत के सबसे स्वच्छ शहर में एक भिखारी को भीख देने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मध्य प्रदेश में अपनी तरह का शायद यह पहला मामला है. खंडवा रोड पर एक मंदिर के सामने बैठी एक महिला भिखारी को भीख देने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
भंवरकुआं थाने ने भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल के एक अधिकारी की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बीएनएस धारा 223 के तहत दोषी को एक साल तक की कैद या 5,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
Bhikhari free city

अधिकारियों के मुताबिक, इंदौर को देश का पहला भिखारी मुक्त शहर बनाने का लक्ष्य रखने वाले प्रशासन ने भिखारियों से भीख लेने, उन्हें भीख देने और उनसे कोई भी सामान खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने बताया कि इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान किया गया है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने भीख मांगने वालों के बारे में सूचना देने वालों को 1,000 रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है और अब तक कई लोगों को सूचना देने पर यह राशि मिल भी चुकी है.
Bhikhari free city

बता दें कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने देशभर के 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें इंदौर भी शामिल है.