भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने राज्यों का जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में उधारी का कैलेंडर जारी कर दिया है। इसके अनुसार सभी राज्य इस अवधि में बाजार से 4.13 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेंगे।
जारी वर्ष 2023-24 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 7 महीने में कुल 2.58 लाख करोड़ रुपए बाजार से उठाए थे। यानी अगले तीन माह में वे 7 माह में जुटाई राशि से 60% ज्यादा कर्ज ले रहे हैं।
राशि उठाने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ टॉप टेन में शामिल हैं। इन राज्यों के विधानसभा चुनाव 2023 में हुए हैं। मध्य प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ तो इन तीन महीनों में जो कर्ज ले रहे हैं, वह 2022-23 के 12 महीनों से भी ज्यादा है।
चुनाव में मुफ्त की योजनाएं लाए थे, अब फंड जुटाना चुनौती
मध्य प्रदेश: 1.31 करोड़ महिलाओं को लाड़ली बहना और गैस सिलेंडर पर 1708 रुपए प्रति माह देना है। 44.13 लाख बिजली उपभोक्ताओं को 388 रुपए प्रति माह सब्सिडी देना है। इन दोनों योजनाओं के लिए सालाना खर्च 21,696 करोड़ रुपए है।
राजस्थान: 450 रुपए में सिलेंडर देने के लिए हर साल 3,720 करोड़ चाहिए। रियायती बिजली योजना चालू है। खर्च हर माह 595 करोड़। पुरानी सरकार की स्मार्टफोन योजना के लिए 3700 करोड़ चाहिए। कुल सालाना खर्च 14,560 करोड़।
छत्तीसगढ़: मौजूदा सरकार की महतारी योजना में 60 लाख महिलाओं को 1 हजार रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं। सालाना बोझ 7,200 करोड़ रुपए। पुरानी सरकार की 13,400 करोड़ की सीधे कैश ट्रांसफर की योजनाएं भी जारी हैं।
तेलंगाना: हर साल 2.56 लाख करोड़ रुपए सब्सिडी के लिए चाहिए। 4.26 लाख करोड़ रुपए का कर्ज पहले ही ले रखा है। 2023-24 में 38,237 करोड़ रुपए कर्ज लेने की पात्रता है। अक्टूबर तक 33,378 करोड़ रुपए ले लिए हैं।
कर्नाटक: कांग्रेस पांच गारंटी देकर राज्य की सत्ता में आई है। इनमें फ्री बिजली, बेरोजगारी भत्ता, महिला को राशि और मुफ्त बस यात्रा और मुफ्त अनाज शामिल है। इन्हें पूरा करने के लिए राज्य को 54 हजार करोड़ रुपए की दरकार है।
3 राज्यों का उधारी लक्ष्य पिछले पूरे साल से 127% तक ज्यादा
मध्य प्रदेश अगले तीन महीने में कुल 37.5 हजार करोड़ कर्ज लेगा। पिछले सात माह में यह कर्ज केवल 15 हजार करोड़ था। इसे मिलाकर 31 मार्च तक उसका सालाना कर्ज 50 हजार करोड़ से ज्यादा हो सकता है।
यह अपने आप में रिकॉर्ड होगा। राज्य ने 2022-23 में केवल 26,849 करोड़ रुपए कर्ज लिया था। यानी अगले तीन माह में वह पिछले पूरे साल के कर्ज से भी 39.68% ज्यादा कर्ज ले रही है।
कर्नाटक तो पिछले पूरे साल से 127% राशि केवल तीन माह में उठा लेगी। छत्तीसगढ़ ने तो पिछले साल कर्ज ही नहीं लिया था। राज्य सरकार ने पुराना कर्ज ही 2,227 करोड़ रुपए चुकाया था। इस बार वह तीन माह में 11,000 करोड़ की बड़ी राशि बतौर कर्ज लेने जा रही है।
कर्ज लेने में तमिलनाडु सबसे आगे
2023-24 के दौरान अब तक ग्रॉस कर्ज लेने के मामले में सबसे आगे तमिलनाडु राज्य है। दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है।
वादा निभाने के लिए कर्ज जरूरी
मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक जैसे राज्यों में सत्ता में आने वाली सभी पार्टियों ने वोटर्स को लुभाने के लिए कई लोकलुभावन योजनाएं या तो चलाई हैं या चलाने का वादा किया था। ऐसे में राज्यों के सामने जरूरी खर्च के लिए धन जुटाने के लिए कर्ज के अलावा दूसरा कोई साधन नहीं है।