गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा गांव में किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को अब साफ पानी मिल सकेगा। जल प्रदाय योजना के तहत शनिवार से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके बनने के बाद सुपेबेड़ा समेत 9 गांवों में तेल नदी से फिल्टर पानी पहुंच सकेगा। सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी के चलते अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है।
पहले दिन 21 मीटर ऊंची पानी टंकी की नींव के लिए खनन का काम हुआ। इस दौरान ग्राम सरपंच चंद्रकला मसरा, पंच समेत ग्राम प्रमुख मौजूद रहे। इस पानी टंकी में 10 लाख लीटर पानी स्टोरेज किया जाएगा। 8 करोड़ 45 लाख की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार हो रहा है।
ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रखी गई नींव।
ट्रीटमेंट प्लांट के लिए रखी गई नींव।
8-10 महीने में पूरा हो जाएगा काम
पीएचई विभाग के ईई पंकज जैन ने बताया कि, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम 8 से 10 माह के भीतर पूरा हो जाएगा। टेंडर में पानी की टंकी के अलावा तेल नदी के किनारे इंटक वेल बनेगा। यह इंटक वेल सीधे रिमूवल प्लांट को पानी की सप्लाई देगा। जिसके बाद 10 लाख लीटर क्षमता वाले टैंक में पानी इकट्ठा होगा।
2 हजार से ज्यादा परिवारों को साफ पानी मिलेगा
सुपेबेडा के 430 घरों के अलावा, निष्टीगुड़ा, सेनमूड़ा, ठीरलीगुड़ा, सागौनभाड़ी, खम्हारगुड़ा, खोकसरा, परेवापाली, मोटरापारा के कुल 2074 घरों में पीने का साफ पानी सप्लाई होगा। इसके अलावा गांव में जल जीवन मिशन के तहत 70 हजार लीटर क्षमता पानी टंकी का निर्माण पहले ही शुरू कर दिया गया है। सुपेबेडा को इसी टैंक से पानी की सप्लाई दी जाएगी।
सुपेबड़ा में अधिकारियों ने पहुंचकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत की।
सुपेबड़ा में अधिकारियों ने पहुंचकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत की।
पंकज जैन ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जिले की यह पहली ऐसी स्कीम है, जहां एक साथ कई गांव को फिल्टर पानी दिया जाएगा। इस कार्य में 16 किमी लंबी मुख्य पाइप लाइन, स्टाफ क्वार्टर और सीसी रोड का काम भी शामिल है।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए काम शुरू किया गया।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए काम शुरू किया गया।
90 मौत के बाद काम हो सका शुरू
2011 में सुपेबेड़ा में जब किडनी की बीमारी से 48 मौत हुई थी, तब से तेल नदी से साफ पानी की मांग उठी थी। बीजेपी सरकार में केवल सर्वे ही हो पाया। मौतों का आंकड़ा 90 पार हो चुका था, लेकिन साफ पानी की योजना केवल फाइलों में थी।
वर्ष कुल मौत किडनी रोग से मौत
2009 09 05
2010 11 06
2011 09 03
2012 11 05
2013 11 09
2014 12 10
2015 12 11
2016 16 10
2017 18 12
2018 19 08
2019 13 05
2020 14 06
2021 13 05
2022 16 07 (21 सितंबर तक)
सुपेबेड़ा के लोगों को अब साफ पानी मिलेगा।
सुपेबेड़ा के लोगों को अब साफ पानी मिलेगा।
2018 में सरकार बदली, 10 करोड़ की मंजूरी
2018 में जब सरकार बदली तो कांग्रेस सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और पीएचई मंत्री गुरु रुद्र ने जल आवर्धन योजना के नाम से 10 करोड़ रुपए मंजूर किए। टेंडर लगने की प्रकिया हुई, लेकिन 2019 में केंद्र पोषित जल जीवन मिशन लागू हो गई। सरकार ने पहले चली फाइलों को समेट कर जल जीवन मिशन के मद में शामिल कर दिया।
साफ पानी नहीं मिलने के कारण लोग नदी में झरिया बनाकर साफ पानी पीने को मजबूर हैं।