मुख्यमंत्री शिंदे का एलान, महायुति का 45 लोकसभा सीटों को जीतने पर फोकस; विपक्षियों पर साधा निशान

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि ‘महायुति’ गठबंधन अब अगले साल होने वाले आम चुनाव में राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 45 सीटें जीतने पर ध्यान केंद्रित करेगा। बता दें, महायुति में सत्तारूढ़ भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार गुट वाली एनसीपी शामिल हैं।

हिंदुत्व विचारधारा में मिलावट

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मुख्यमंत्री शिंदे बुधवार आधी रात के बाद ठाणे शहर में नवरात्रि कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि समाजवादी नेताओं के साथ हाथ मिलाने का कदम हिंदुत्व विचारधारा में मिलावट के समान है।

यह है मामला

दरअसल, शिवसेना ने चार दशकों में पहली बार समाजवादी दलों के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शिवसेना का यह फैसला अहम माना जा रहा है। ठाकरे ने रविवार को राज्य में 21 समाजवादी दलों के नेताओं को संबोधित करते हुए दावा किया था कि उनके साथ मतभेद मुख्य रूप से वैचारिक हैं, जिसे लोकतंत्र के लिए सुलझाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा था, ‘उनमें से कई मुस्लिम हो सकते हैं लेकिन वे राष्ट्रवादी हैं जो देश के लोकतंत्र की रक्षा करना चाहते हैं।’

अयोग्यता याचिका पर बोले शिंदे

उनके और शिवसेना के अन्य विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा, ‘लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है और राज्य विधानसभा में 50 विधायक हमारे साथ हैं। हम असली शिवसेना हैं और चुनाव आयोग ने इसकी पुष्टि की है। हमें न्यायपालिका और अदालत पर भरोसा है और जो भी फैसला होगा वो लोकतंत्र के आधार पर होगा।’

बता दें, पिछले साल जून में शिंदे और अन्य विधायकों के विद्रोह के कारण शिवसेना में विभाजन हो गया था और ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। शिंदे ने बाद में भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी। वहीं, इस साल जुलाई में एनसीपी नेता अजित पवार और पार्टी के आठ अन्य विधायक शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे।

आजाद शिवसैनिकों की दशहरा रैली होगी

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘महायुति अब राज्य से 45 सांसदों को निर्वाचित कराने पर ध्यान केंद्रित करेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि आजाद शिवसैनिकों की दशहरा रैली अगले सप्ताह मुंबई के आजाद मैदान में होगी और विश्वास जताया कि यह सफल होगी। उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर हमें शिवसेना का नाम और धनुष-बाण का चुनाव चिह्न दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘यह हिंदुत्व मिलावटी नहीं है। हमारे विचार बालासाहेब के हिंदुत्व के हैं और इसलिए यह दशहरा रैली बालासाहेब के विचारों को सामने रखेगी।

सरकार मजबूत हुई है
विपक्ष के इस दावे पर कि उनकी सरकार गिर जाएगी, शिंदे ने कहा कि ऐसा कभी नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार मजबूत हुई है और 200 से अधिक विधायक हमारे साथ हैं। सरकार पूरे उत्साह के साथ काम कर रही है।

ठाकरे गुट पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने समाजवादी समूहों के साथ हाथ मिला लिया है और अगर वे असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम से भी हाथ मिला लेते हैं तो आश्चर्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह पतन है। यह विचारों का पतन है। पूरे देश ने देखा है कि 2019 में सिर्फ सत्ता के लिए क्या रुख अपनाया गया था। हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं?

शिंदे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करना और इसके लाभार्थियों की संख्या मौजूदा 60 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ करना है।

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