कानपुर के भदरस कांड में शनिवार को कोर्ट ने सभी 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। 14 नवंबर, 2020 को तांत्रिक के कहने पर रिश्ते के चाचा-चाची ने भतीजे से 7 साल की बच्ची की हत्या करवाई थी। भतीजे ने दोस्त के साथ मिलकर पहले बच्ची से रेप किया था। फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी।
इसके बाद कलेजा निकालकर चाचा-चाची को दे दिया। चाचा-चाची ने कलेजा का कुछ हिस्सा रोटी में रखकर खाया और बाकी कुत्ते को खिला दिया था। बच्ची को मारने के लिए चाचा-चाची ने अपने भतीजे को 500 और उसके दोस्त को 1000
बच्ची के पिता ने बताया, ”14 नवंबर 2020 (घटना वाली रात) को कभी नही भूल पाएंगे। उस दिन दिवाली थी। मेरी 7 साल की बेटी घर के बाहर खेल रही थी। उसने चाचा से 10 रुपए मांगे। इसके बाद बेटी बिस्कुट लेने पड़ोस की दुकान पर गई। इसके बाद वह नहीं लौटी। हम लोग रात भर उसकी तलाश करते रहे। गांव के मंदिर-मस्जिद से अनाउंस कराया, मगर उसका पता नहीं चला। फिर रात में ही पुलिस को भी सूचना दी।
15 नवंबर की सुबह दो महिलाओं ने काली मंदिर के पास बच्ची का क्षत-विक्षत शव देखा। इसके बाद हम लोगों को सूचना दी। जब हम लोग मौके पर पहुंचे तो बच्ची के शरीर पर कपड़े नहीं थे। पास में ही खून से सनी उसकी चप्पलें पड़ी थीं। शव का कलेजा-फेफड़ा भी गायब था। थोड़ी देर बाद सूचना पर पुलिस पहुंची। फिर डॉग स्क्वायड को बुलाया गया।
रुपए दिए थे। घटना घाटमपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है।