उत्तरकाशी टनल से 5 मजदूर निकाले गए:टीम का दावा- 2 से 3 घंटे में सभी मजदूर बाहर निकाल लिए जाएंगे

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उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों का बाहर निकलना शुरू हो गया है। 5 मजदूर बाहर निकाल लिए गए हैं। उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया। बाकी को भी जल्द बाहर निकाला जाएगा।

रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने बताया कि शाम 7 बजकर 5 मिनट पर पहला ब्रेक थ्रू मिला था। करीब 2 से 3 घंटे में सभी मजदूर बाहर आ जाएंगे।

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ऐसे निकाले जाएंगे मजदूर

नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैय्यद अता हसैनन ने बताया- खुदाई का काम पूरा होने के बाद टनल में पाइप तक रैंप बनाया जाएगा। रैंप बनने में अगर दिक्कत आई तो सीढ़ी लगाई जाएगी। इससे मजदूरों को पाइप तक पहुंचाया जा सके। पाइप में पहुंचने पर मजदूरों को स्ट्रेचर पर लिटाया जाएगा और रस्सी के सहारे खींचकर उन्हें बाहर निकाला जाएगा। एक मजदूर को टनल से बाहर निकालने में 3 से 5 मिनट लगेंगे।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैय्यद अता हसैनन ने बताया- खुदाई का काम पूरा होने के बाद टनल में पाइप तक रैंप बनाया जाएगा। रैंप बनने में अगर दिक्कत आई तो सीढ़ी लगाई जाएगी। इससे मजदूरों को पाइप तक पहुंचाया जा सके। पाइप में पहुंचने पर मजदूरों को स्ट्रेचर पर लिटाया जाएगा और रस्सी के सहारे खींचकर उन्हें बाहर निकाला जाएगा। एक मजदूर को टनल से बाहर निकालने में 3 से 5 मिनट लगेंगे।

टनल से अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर
रेस्क्यू के बाद मजदूरों को 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। टनल से चिन्यालीसोड तक की सड़क को ग्रीन कॉरिडोर घोषित किया गया है, जिससे रेस्क्यू के बाद मजदूरों को लेकर एम्बुलेंस जब अस्पताल जाए तो ट्रैफिक में न फंसे। यह करीब 30 से 35 किलोमीटर की दूरी है। इसको कवर करने में करीब 40 मिनट लगेंगे।

टनल के अंदर बने अस्थायी अस्पताल में पहले मजूदरों का परीक्षण होगा, इसके बाद पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा।
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