लड़ाकू विमान रफाल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन भारत में मेन्युफैक्चरिंग यूनिट खोलना चाहती है। भारतीय वायुसेना को 36 विमान सप्लाई करने के बाद कंपनी नेवी के लिए 26 ‘रफाल एम’ की डील कर चुकी है।
इसी सिलसिले में फ्रेंच कंपनी के CEO एरिक ट्रेपियर कंपनी के कुछ अन्य अफसरों के साथ भारत आए थे। उन्होंने रक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष अफसरों से बैठकें कीं।
फ्रांस असेंबली लाइन में एक बार में बन सकते हैं केवल 24 रफाल
फ्रांसीसी अफसरों ने नागपुर के पास मिहान में चल रही जॉइंट वेंचर फैसिलिटी को रफाल की असेंबली लाइन में बदलने की संभावनाओं पर चर्चा की। दसॉ को कुछ सालों में ही दुनियाभर में 200 से अधिक रफाल सप्लाई करने हैं, लेकिन फ्रांस में कंपनी की असेंबली लाइन में साल में 24 विमान ही बन सकते हैं। इसलिए कॉन्ट्रैक्ट पूरे करने के लिए कंपनी को एक और असेंबली लाइन की जरूरत है।

भारत में नई असेंबली लाइन स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने के लिए कंपनी के अफसर भारत सरकार के साथ चर्चा कर चुके हैं। अगर भारत में नई असेंबली लाइन स्थापित हो जाती है तो कंपनी साल में 48 विमानों की आपूर्ति कर पाएगी। साथ ही 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकता है। क्योंकि, फ्रांस स्थित असेंबली लाइन में अभी 12,700 कर्मचारी हैं।
भारत पर नजर क्यों?
भारत सरकार 114 मल्टी रोल फाइटर जेट खरीदने का प्रस्ताव पास कर चुकी है। दसॉ की नजर इसी सौदे पर है। इस सौदे की कीमत सवा लाख करोड़ रु. से ज्यादा हो सकती है। हालांकि, सरकार ने अभी तय नहीं किया है कि विमान किससे खरीदने हैं।