मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी के एनिमेटेड किरदार को एक-दूसरे के साथ डांस करते दिखाया है। जवाब में बीजेपी ने भी ED-ED सॉन्ग जारी किया है।
कांग्रेस की तरफ से जारी वीडियो में बैकग्राउंड में एक गाना बजाया गया है। हमें तो लूट लिया..सॉन्ग पर मशहूर कव्वाली की पैरोडी तैयार की है। वतन को लूट लिया मिलकर बीजेपी और अडानी वालों ने… काले दिल वालों ने खोटी नियत वालों ने…इस पर भूपेश बघेल ने लिखा है कि वाह क्या गाया है।
2 मिनट 16 सेकंड के वीडियो में नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी के कैरेक्टर को गाते दिखाया गया है। उनके सामने राहुल गांधी और मल्लिका अर्जुन खड़गे के कैरेक्टर तंज कसते दिख रहे हैं।
इलू-इलू की तर्ज पर ED-ED
बॉलीवुड सॉन्ग इलू-इलू की तर्ज पर ED-ED नाम का एक गाना रिलीज किया गया है। वीडियो में शराब घोटाला, खनिज घोटाला मामले में आरोपी बनाए गए तमाम चेहरे दिखाई दे रहे हैं। ED के अफसर बने कलाकार उन्हें दौड़ा रहे हैं। कांग्रेसी बने एक्टर छिपे फिरते दिख रहे हैं।
3 इडियट वाला सीन
जवाब में बीजेपी की तरफ से जारी वीडियो में फिल्म 3 इडियट के मशहूर इंटरव्यू वाले सीन का इस्तेमाल किया गया है। असल सीन की वॉइस हटाकर छत्तीसगढ़ के एक गरीब युवा की कहानी दिखाई गई है जो पीएससी का इंटरव्यू देने पहुंचा है।
बताया गया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता और अधिकारियों के बच्चे ही अधिकारी बन सकते हैं गरीबों के बच्चे नहीं।
मोदी और राहुल के बीच दीवार
कांग्रेस की ओर से जारी एक और वीडियो में मोदी और राहुल को फिल्म दीवार के मशहूर सीन को एनिमेशन के साथ दिखाया गया है। जो बातें फिल्म में अमिताभ बच्चन और एक्टर शशि कपूर के बीच हुईं। वो सियासी अंदाज में राहुल गांधी और मोदी के कार्टून में होती दिख रही हैं। मोदी कहते हैं मेरे पास ED है, CBI है, क्या है तुम्हारे पास… राहुल कहते हैं देश की जनता का प्यार।
एनिमेटर और फिल्म मेकर्स का इस्तेमाल
एक दूसरे पर आरोप लगाना, प्रेस कॉन्फ्रेंस लेना, भाषण देना, बयान देना यह सब तो सियासी दल कर रहे हैं। इस बार क्रिएटिव अंदाज में बीजेपी और कांग्रेस ने एनिमेटर और फिल्मेकर्स को काम दिया है। स्थानीय स्तर पर काम करने वाले कलाकारों को भी मौका दिया गया है।
CG के सोशल मीडिया यूजर्स पर फोकस
जानकारों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ से अधिक सोशल मीडिया यूजर हैं। हालांकि इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। इतने बड़े वर्ग के बीच अपनी बात रोचक अंदाज में पहुंचने का मौका दोनों ही राजनीतिक दल नहीं छोड़ना चाहते।