नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने डॉक्टरों को सलाह दी है कि उन्हें साइनबोर्ड, विजिटिंग कार्ड और अनाउंसमेंट्स के जरिए जनता को भ्रमित करने से बचना चाहिए।
कमीशन ने कहा कि साइनबोर्ड और डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन पेपर्स पर डॉक्टर का नाम, क्वॉलिफिकेशन, टाइटल, स्पेशलिटी और रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावा कुछ नहीं होना चाहिए।
NMC ने यह भी कहा है कि डॉक्टरों को केमिस्ट शॉप या ऐसी किसी जगह साइन बोर्ड नहीं लगाना चाहिए. जहां वे ना तो रहते हैं और ना ही काम करते हैं।
ये सभी बातें कमीशन के एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (EMRB) ने अपनी ई-बुक ‘प्रोफेशनल कंडक्ट रिव्यू-लेसंस फ्रॉम केस आर्काइव्स’ में कही हैं।
डॉक्टर-पेशेंट के बीच भरोसा जरूरी
इस किताब में यह भी कहा गया है कि डॉक्टर-पेशेंट के रिश्ते में भरोसा नहीं होता तो इस वजह से डॉक्टरों के ऊपर केस किए जाने का चांस बढ़ता है। डॉक्टरों के खिलाफ शिकायतों का सबसे आम कारण होता है कम्युनिकेशन गैप।
कमीशन ने कहा कि मेडिकल प्रैक्टिसनर्स किसी फील्ड से जुड़े अलग-अलग एरिया में स्किल और ट्रेनिंग हासिल कर सकते हैं, लेकिन कंसल्टेंट या स्पेशलिस्ट का टाइटल सिर्फ उन डॉक्टरों को इस्तेमाल करना चाहिए, जो उस खास फील्ड में क्वॉलिफाइड हैं।