उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में फंसे बिहार-झारखंड के 20 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। झारखंड का एक परिवार बेटे के बाहर निकलने की खुशी भी नहीं मना पाया। बेटे के बाहर निकलने की खबर आने से पहले ही पिता की मौत हो गई।
इधर, बिहार के मुजफ्फरपुर के दीपक के पिता ने कहा, ‘जैसे मछली बिना पानी के तड़पती है, वैसे ही हम भी 17 दिन से तड़प रहे थे। अब हम उसे नहीं भेजना चाहते हैं, लेकिन वह नहीं मानेगा।’ उधर, सासाराम जिले के चंदनपुरा गांव के रहने वाले सुशील विश्वकर्मा का परिवार बेटे के इंतजार में 16 दिन से सो ही नहीं पाया।
टनल में झारखंड के 15 और बिहार के 5 मजदूर फंसे थे। परिवार अब अपने बच्चों के घर लौटने का इंतजार कर रहा है