उत्तरकाशी टनल हादसा, 77 घंटे से 40 मजदूर फंसे:सेना की हैवी ड्रिलिंग मशीन लाई जाएगी; रेस्क्यू में देरी से लोग नाराज, पुलिस से झड़प

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे एक निर्माणाधीन टनल धंस गई थी। पिछले 76 घंटे से 40 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन, खाना-पानी और दवाई पहुंचाई जा रही है।

फंसे हुए मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम 24 घंटे काम कर रहे हैं।

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रेस्क्यू टीम ने मंगलवार को स्टील पाइप के जरिए मजदूरों को निकालने की प्रोसेस शुरू की। इसके लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन और हाइड्रोलिक जैक की मदद से 35 इंच के डायमीटर का स्टील पाइप टनल के अंदर डालने की कोशिश की गई। हालांकि इसमें सफलता नहीं मिली।

रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे PMO ने इसके बाद सेना को इसमें शामिल किया। अब सेना अपनी हैवी मशीन से ड्रिलिंग का काम करेगी। सेना का मालवाहक विमान हरक्यूलिस बुधवार को मशीन लेकर चिन्यालीसौड हैलिपेड पहुंचा। यहां से मशीन को सिलक्यारा लाया जाएगा।

इधर, बुधवार सुबह टनल के बाहर कुछ मजदूरों की पुलिस से झड़प हो गई। ये रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही देरी से नाराज हैं। इनकी मांग थी कि प्रशासन हमें टनल के अंदर जाने दे, हम फंसे हुए अपने साथियों को निकाल लाएंगे।

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